इतिहास हमेशा से इस बात का गवाह रहा है कि चरमपंथी और नारामपंथ हमेशा से एक दूसरे के खिलाफ ही रहे हैं जिसका कारण उनके बीच का वैचारिक मतभेद है हालांकि यह बात सब लोगो पर लागू नही होती है इतिहास तो गोपाल कृष्ण गोखले जैसे नरमपंथी और बल गंगाधर तिलक जैसे चरमपंथी नेताओ का भी ज़िक्र करता है जो भले ही एक दूसरे के खिलाफ खड़े रहे हो पर एक दूसरे की इज़्ज़त पूरे करते थे
चरमपंथी मैं सबसे बड़ा तबका दक्षिणपंथी लोगो का है और उनकी दो किसम की विचारधाराओ से नही बनती है और वो है मार्क्सवाद और लिबरलवाद और ऐसे काई घटनाये है जहाँ इन् दक्षिणपंथी लोगो ने लिबेरालवादियो को नीचा दिखाने की कोशिश हुई है
1 दक्षिणपंथी द्वारा पट जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी को अय्याश बताना
2 जब अमरनाथ यात्रियों पर जिहादियों ने हमला किया था तो दक्षिणपंथी लिबेराल्स पर यह इल्ज़ाम लगा रहे थे कि क्या वो इसके खिलाफ आवाज़ नही उठाएंगे यह बात ओर है कि खुद लिबेराल्स ने इस घटना के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया था
3 यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका मैं भी काले लोगो के समर्थन में खाड़े होने वाले लिबेराल्स को हमेशा से वह की बहुनसंख्यक आबादी यानी श्वेतों का दुशमन बताया गया है भले ही वो न हो
4 भारत में भी लिबेरालवाद को यह के बहुसंख्यक हिन्दुओ का विरोधक बताया गया जिसका कारण कुछ वैचारिक मतभेद है
5 भारतीय नागरिक कुलभूषण जादव को पाकिस्तान द्वारा फांसी का आर्डर दिए जाने पर भारत के एक समानित अखबार की एडिटर मेमसाहब ने यह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों से यह पूछ डाला कि क्या यह लिबेराल्स सिर्फ आतंकियों की फांसी का ही विरोध करते है या अपने देश वासियों के बारे में भी सोचते हौ पर उन्हें टैब झटका लगा जब जावहारलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक छात्र ने इसके विरोध मै फेसबुक पर पोस्ट लिखा उस एडिटर साहिबा की बहुत बेइज़्ज़ती हुई
6 मैं पिछले दिनों Why i assasinated mahatma gandhi जो। की नाथूराम गोडसे पर लिखी गायी है उसमें महात्मा गांधी को हिन्दुओ का विरोधी बताया गया है पर साच तो यह है कि महात्मा जी पक्के हिन्दू थे और यह बात उन्होंने साबित की थी अपने विचारों और कामो से चाहे वो 1932 का पूना पैक्ट हो या वर्ण व्यवस्था का सही अर्थ समझने या हिन्दू धर्म के प्रति उनके विचार
7 बहुत सारे लोग जो खुद को लिबेरालवाद का चेहरा बताते थे वह अल्पसंख्यक को लुभाने के लिए कुछ ऐसे फैसले ले बैठे जिनसे बहुनसंख्यक समुदाय लिबेराल्स से नाराज़ हो गया और दक्षिणपंथी लोगो ने लिबेराल्स को खलनायक की तरह प्र्रस्तुत कर दिया
8 अभी हालही भारत मे रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के मुद्दे पर यह सब दिख जब 5 सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने कानून और भारत की वसुधै कुटुम्बकम की परंपरा का हवाला देते हुए भारत सरकार के उस फैसले का विरोध किया जिसमे सरकार ने रोहिंगयास को भारत से निकलने का फैसला किया जिसका कारण देश की सुरक्षा बताया गया पर इस वजह से इन् दक्षिणपंथी ने लिबेराल्स पर फिर से मुसलम तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगा दिया
ऐसे ही काये ओर मुद्दे है जीन पर लिबेराल्स का मज़ाक उड़ाया और आज कुछ लोग उन्हें खलनायक के रूप में देखते है हालांकि कुछ हद तक लिबेराल्स भी इसकिलये ज़िमेदार है उन्होंने लिबरल प्रथा के काई नियम टूडे जिसमे सर्व धर्म सम्मान भी था और इसकी वजह से आज दुनिया के सारे लिबरल मज़ाक बन गाये
तो अब वक्त आ गया है कि हम लिबेराल्स साबित कर की हम न तोह तुष्टिकरण के समर्थक है ना ही किसी गंदी राजनीति के
चरमपंथी मैं सबसे बड़ा तबका दक्षिणपंथी लोगो का है और उनकी दो किसम की विचारधाराओ से नही बनती है और वो है मार्क्सवाद और लिबरलवाद और ऐसे काई घटनाये है जहाँ इन् दक्षिणपंथी लोगो ने लिबेरालवादियो को नीचा दिखाने की कोशिश हुई है
1 दक्षिणपंथी द्वारा पट जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी को अय्याश बताना
2 जब अमरनाथ यात्रियों पर जिहादियों ने हमला किया था तो दक्षिणपंथी लिबेराल्स पर यह इल्ज़ाम लगा रहे थे कि क्या वो इसके खिलाफ आवाज़ नही उठाएंगे यह बात ओर है कि खुद लिबेराल्स ने इस घटना के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया था
3 यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका मैं भी काले लोगो के समर्थन में खाड़े होने वाले लिबेराल्स को हमेशा से वह की बहुनसंख्यक आबादी यानी श्वेतों का दुशमन बताया गया है भले ही वो न हो
4 भारत में भी लिबेरालवाद को यह के बहुसंख्यक हिन्दुओ का विरोधक बताया गया जिसका कारण कुछ वैचारिक मतभेद है
5 भारतीय नागरिक कुलभूषण जादव को पाकिस्तान द्वारा फांसी का आर्डर दिए जाने पर भारत के एक समानित अखबार की एडिटर मेमसाहब ने यह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों से यह पूछ डाला कि क्या यह लिबेराल्स सिर्फ आतंकियों की फांसी का ही विरोध करते है या अपने देश वासियों के बारे में भी सोचते हौ पर उन्हें टैब झटका लगा जब जावहारलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक छात्र ने इसके विरोध मै फेसबुक पर पोस्ट लिखा उस एडिटर साहिबा की बहुत बेइज़्ज़ती हुई
6 मैं पिछले दिनों Why i assasinated mahatma gandhi जो। की नाथूराम गोडसे पर लिखी गायी है उसमें महात्मा गांधी को हिन्दुओ का विरोधी बताया गया है पर साच तो यह है कि महात्मा जी पक्के हिन्दू थे और यह बात उन्होंने साबित की थी अपने विचारों और कामो से चाहे वो 1932 का पूना पैक्ट हो या वर्ण व्यवस्था का सही अर्थ समझने या हिन्दू धर्म के प्रति उनके विचार
7 बहुत सारे लोग जो खुद को लिबेरालवाद का चेहरा बताते थे वह अल्पसंख्यक को लुभाने के लिए कुछ ऐसे फैसले ले बैठे जिनसे बहुनसंख्यक समुदाय लिबेराल्स से नाराज़ हो गया और दक्षिणपंथी लोगो ने लिबेराल्स को खलनायक की तरह प्र्रस्तुत कर दिया
8 अभी हालही भारत मे रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के मुद्दे पर यह सब दिख जब 5 सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने कानून और भारत की वसुधै कुटुम्बकम की परंपरा का हवाला देते हुए भारत सरकार के उस फैसले का विरोध किया जिसमे सरकार ने रोहिंगयास को भारत से निकलने का फैसला किया जिसका कारण देश की सुरक्षा बताया गया पर इस वजह से इन् दक्षिणपंथी ने लिबेराल्स पर फिर से मुसलम तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगा दिया
ऐसे ही काये ओर मुद्दे है जीन पर लिबेराल्स का मज़ाक उड़ाया और आज कुछ लोग उन्हें खलनायक के रूप में देखते है हालांकि कुछ हद तक लिबेराल्स भी इसकिलये ज़िमेदार है उन्होंने लिबरल प्रथा के काई नियम टूडे जिसमे सर्व धर्म सम्मान भी था और इसकी वजह से आज दुनिया के सारे लिबरल मज़ाक बन गाये
तो अब वक्त आ गया है कि हम लिबेराल्स साबित कर की हम न तोह तुष्टिकरण के समर्थक है ना ही किसी गंदी राजनीति के
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